चित्त शोधन के आठ पदों में से पहले सात पदों में उन अभ्यासों की बात है जो कि मार्ग के उपायों को विकसित करने की बात करते हैं जैसे करुणा, परोपकार, बुद्धत्व प्राप्त करने का उद्देश्य इत्यादि। आठवें पद में उन अभ्यासों की बात हुई है जो कि मार्ग के प्रज्ञा अंग के विकास की ओर निर्दिष्ट है।
पद १
पद २
पद ३
पद ४
पद ५ तथा ६
पद ७
पद ८
प्रबुद्धता के लिए चित्तोत्पाद
चित्त शोधन के आठ पदों में से प्रथम तीन पदों की व्याख्या परम पावन दलाई लामा ने 8 नवम्बर 1998 में वाशिंगटन डी सी में दी। बचे पाँच पद परम पावन दलाई लामा की पुस्तक 'ट्रांसफॉरमिंग द माइंड' से उद्धृत है।