शरणार्थियों पर हाल ही में रिपोर्ट किए गए परम पावन दलाई लामा के विचारों को संदर्भ से बाहर निकाला गया है।
कृपया १६ सितंबर २०१८ को नेदरलैंड के रॉटरडैम में अपनी सार्वजनिक बातचीत के दौरान शरणार्थियों के बारे में एक प्रश्न के संबंध में परम पावन की प्रतिक्रिया देखें।
उत्तर:
"जब अन्य देशों के शरणार्थी यूरोप आए हैं, तो यह बहुत अच्छी बात है कि जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों ने उन्हें सहायता प्रदान की है। यद्यपि मुझे लगता है कि उनमें से अधिकांश शरणार्थी अपनी मातृभूमि को ही अपने घर के रूप में देखते हैं, पर इस समय वहां बहुत अधिक हत्याएँ, धमकी और दुःख है। इसी कारण उन्होंने पलायन किया। अतः अल्प अवधि में, यूरोपीय देशों को उन्हें आश्रय प्रदान करना चाहिए और विशेष रूप से बच्चों के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण साथ ही युवाओं के लिए यांत्रिक प्रशिक्षण की सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए। इसका उद्देश्य यह है कि अंततः वे लौट कर अपने देशों के पुनर्निर्माण में सक्षम हों। प्रारंभ से ही यह मेरा विचार रहा है।
"उदाहरण के लिए, हम तिब्बतियों ने भारत में आश्रय लिया, पर अधिकांश तिब्बती तिब्बत वापस लौटना चाहते हैं जब वहां की स्थिति में परिवर्तन हो जाए। प्रत्येक देश की अपनी संस्कृति, भाषा, जीवन शैली है, और लोगों के लिए अपने देश में रहना बेहतर है। यह मेरा विचार है।"
प्रश्न का वीडियो और परम पावन का उत्तर यहां देखा जा सकता है।