पदुम, जांस्कर, जम्मू-कश्मीर, भारत - आज भोर होते ही परम पावन दलाई लामा ने लेह से जांस्कर के लिए उड़ान भरी। हेलिकॉप्टर ने जांस्कर नदी के बहाव का अनुपालन किया, जो चट्टानी पहाड़ियों के बंजर जगहों से होकर जाता था जिसके बीच छोटी हरी भरी बस्तियाँ थीं। जब वह पदुम हेलीपैड पर उतरे तो स्थानीय विहारीय समुदायों के प्रतिनिधियों, सरकारी अधिकारियों और अन्य गणमान्य व्यक्ति उनका स्वागत करने के लिए वहां उपस्थित थे। एक हल्की रिमझिम बारिश शुरू हुई। जैसे ही वह पदुम से होते हुए गुज़रे, स्थानीय समुदायों के जीवन के सभी क्षेत्रों से लोग उनका मैत्रीपूर्ण अभिनन्दन करने के लिए बाहर आए।
फोडंग के बाहर और पास के प्रवचन स्थल पर पर भिक्षु, कुछ हाथों में झांझ, ढोल तथा श्रृंग वाद्य लिए, कुछ आम लोग जिनमें जांस्कार ज्ञलपो ज्ञाछो ञिमा नोरबू और एडी पर्यटन दोनडुब नमज्ञल गाड़ी के मार्ग पर पंक्तिबद्ध होकर खड़े थे। वहाँ से गुज़रते हुए परम पावन मुस्कुराए तथा उनकी ओर देख अभिनन्दन में हाथ हिलाया।
नए फोडंग के ऊपरी स्वागत कक्ष में, स्थानीय प्रतिनिधियों के एक समूह ने परम पावन का मंडल तथा बुद्धों के काय, वाक् और चित्त के प्रतीकों के समर्पण द्वारा औपचारिक रूप से स्वागत किया, जिनमें जांस्कर गोमपा एसोसिएशन के अध्यक्ष छुलठिम दोर्जे, जांस्कर बौद्ध एसोसिएशन के अध्यक्ष छेवांग छोस्तर; मुस्लिम एसोसिएशन के अध्यक्ष गुलाम मोहुद्दीन; विधान परिषद अध्यक्ष हाजी अनायल अली; कार्यकारी काउंसिलर पर्यटन तेनज़िन सोनम; वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक टी ज्ञलपो और हिमालयी बौद्ध सांस्कृतिक संघ के अध्यक्ष श्रद्धेय छोसफेल ज़ोपा शामिल थे।
परम पावन ने पूछा कि क्या वे पहले के ही हैलिपैड पर उतरे थे और उन्हें बताया गया कि इस बार यह सैन्य हेलीपैड था। उन्होंने तिब्बती चिकित्सा क्लिनिक, तिब्बती चिकित्सा एवं ज्योतिष संस्थान की प्रगति के बारे में भी पूछताछ की और उन्हें बताया गया कि यह प्रतिदिन १५-२० रोगियों को मुफ्त उपचार प्रदान कर रहा है।
उन्होंने उस छोटी सभा को बताया, "कि एक बार फिर जांस्कर में आकर बहुत अच्छा लगता है और हमारे आने के बाद जो हल्की बूंदा बांदी हुई है शुभ प्रतीत होती है।"
अपने निवास के दौरान उनके कार्यक्रम के संबंध में, परम पावन ने पुष्टि की कि वह पहले दो दिनों में जो चोंखापा के 'संक्षिप्त पथ क्रम' पर प्रवचन देंगे तथा साथ ही महा करुणाशील का अभिषेक भी प्रदान करेंगे। वह इस बात पर सहमत हुए कि इसके बाद दीर्घायु समर्पण हो सकता है। तीसरे दिन वह स्थानीय शैक्षिक और स्वास्थ्य सुविधाओं का दौरा करना चाहेंगे।
इसके उपरांत परम पावन ने दिनांत किया, वर्षा और तेजी से गिरने लगी, जिससे स्थानीय मटर और गेहूं की फसलों को लाभ होगा, साथ ही सड़कों और प्रवचन स्थल पर की धूल कम होगी।