मेरे प्रिय भाइयों और बहनों,
मैं आपको मेरे ८१वें जन्मदिन के अवसर पर दिए गए अभिनन्दन व शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ।
मुझे और भी प्रसन्नता होगी यदि ये शुभकामनाएँ एक व्यापक सौहार्दता की भावनाओं का रूप लेंगी; यदि लोग एक दूसरे के कल्याणार्थ और अधिक चिंतित होकर कार्य करें । सरल रूप से कहा जाए तो इसका अर्थ हैः यदि आप कर सकें तो दूसरों की सहायता करें। यदि आप नहीं कर सकते तो कम से कम दूसरों का अहित करने से बचें।
मैं ८ जुलाई को दक्षिण भारत में तिब्बती आवासों में एक सप्ताह रहने के पश्चात धर्मशाला लौटा, जिसके पूर्व मैं तीन सप्ताह अमेरिका की यात्रा पर गया था। जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों द्वारा मुझे दिए गए स्नेह तथा मैत्री ने सदैव मेरे मर्म को स्पर्श किया है।
अपनी प्रार्थना और शुभकामनाओं के साथ,
दलाई लामा