मार्च २६, २०१४ - नई दिल्ली, भारत, २५ मार्च २०१४ (भारतीय शिक्षा ब्यूरो) - श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स ने सोमवार मार्च २४, २०१४ को अपना ८८वां वार्षिक दिवस दिवस मनाया। मुख्य अतिथि, तिब्बत के १४वें परम पावन दलाई लामा थे और सम्माननीय अतिथि थे, प्रख्यात एस आर सी सी के पूर्व छात्र और मैक्स इंडिया लिमिटेड के संस्थापक और सी एम डी श्री अनलजीत सिंह ।
कॉलेज प्रकाशन: यमुना, एस आर सी सी छात्र पत्रिका, व्यापार विश्लेषक, एस आर सी सी का द्विवार्षिक रिसर्च जर्नल, बिज़नेज़ एनालिस्ट का एक विशेष संस्करण, जिसमें बैंकाक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के कागजात संकलित किए गए थे, एन एस एस पत्रिका प्रेरणा और अर्थ, अर्थशास्त्र सोसायटी के छात्र जर्नल सम्मानित अतिथियों द्वारा जारी किए गए।
श्री अनलजीत सिंह ने उल्लेख किया कि वह दलाई लामा की साहचर्य में कितना धन्य अनुभव करते हैं। उन्होंने श्रोताओं से कहा कि परम पावन जो भी कहेंगे, उसमें से कम से कम एक बात वे अपने जीवन भर के लिए गांठ बाँध कर ले जाएँ।
परम पावन दलाई लामा जिनका कॉलेज के छात्रों द्वारा पारंपरिक तिब्बती रूप से स्वागत किया गया था, ने भारतीय सभ्यता के महत्त्व, इसके विचारकों तथा गुरुओं की शिक्षाएँ, जो सदा समय की कसौटी पर खरी उतरती रही है, के विषय में बात की। उन्होंने उल्लेख किया कि किस तरह करुणा भारतीय संस्कृति के मूल्यांकन का एक निर्धारक है। उन्होंने बीसवीं सदी को विकास की शताब्दी का संदर्भ देते हुए उसे युद्ध और हिंसा की सदी भी कहा। उन्होंने युवा पीढ़ी का आह्वान करते हुए, जो इक्कीसवीं शताब्दी के वास्तविक उत्तराधिकारी हैं, कहा कि वे इस शताब्दी को संघर्ष के समाधान, संवाद की एक सदी बनाएँ। उनका संदेश सरल था: विश्वास से अधिक कार्य की आवश्यकता है। परम पावन ने छात्रों के प्रश्नों के भी उत्तर दिए और उन्हें आध्यात्मिकता का सार समझाया। उन्होंने अपने संदेश के साथ आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए।
कार्यक्रम के पश्चात पुरस्कार और पारितोषिक वितरण समारोह हुआ। प्रख्यात पूर्व छात्र और मेधावी छात्रों को उनके योगदान के लिए पदक, पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिए गए। समारोह के बाद सभी अतिथियों, छात्रों, शिक्षकों और पूर्व छात्रों के लिए मध्याह्न के भोजन का आयोजन था।