अप्रैल १, २०१४ - धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश, भारत, १ अप्रैल २०१४ - नेशनल वियतनाम बौद्ध संघ के प्रमुख को लिखे एक पत्र में परम पावन दलाई लामा ने सत्तानबे वर्ष की आयु के प्रथम सर्वोच्च धर्मगुरु परम पावन थिच त्रि तिह्न के निधन पर अपना दुख व्यक्त किया । परम पावन ने धर्मगुरु के लिए प्रार्थना की तथा वियतनाम में तथा अन्य स्थानों पर धर्मगुरु के अनुयायियों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की।
वियतनाम में बौद्ध शिक्षा और संस्कृति के संवर्धन और संरक्षण हेतु धर्मगुरु के महत्त्वपूर्ण योगदान का संदर्भ देते हुए, परम पावन ने लिखा कि उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने का सबसे अच्छा उपाय यह होगा कि बुद्ध की चित्त की शांति, अहिंसा और करुणा के संदेश को कार्यान्वित करने के लिए हम जो कुछ कर सकते हैं, वह करें।