धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश, भारत - ३ अक्टूबर २०१४ - म्यूनिख, जर्मनी में वेगर परिवार को एक पत्र में, परम पावन दलाई लामा, ने अमा वेगर के निधन पर अपना दुख व्यक्त किया और उनके परिवार के सदस्यों, मित्रों तथा सहयोगियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की ।
परम पावन ने लिखा कि उनके निधन से तिब्बतियों ने एक ऐसा मित्र खो दिया है, जिनके लिए अंतिम श्वास तक जरूरतमंद तिब्बतियों की भलाई उनके हृदय के अत्यंत निकट थी।
उन्होंने यह भी कहा कि निर्वासन में, जवान और बूढ़े, जिन्होंने तिब्बतियों को उदार सहायता प्रदान किया था, उनमें संभवतः अमा वेगर अनूठी थीं। वह न केवल स्वयं भी उदार थीं और जर्मनी में जिनको जहाँ आवश्यकता पड़ती वहाँ कई अन्य लोगों को निर्देशित करती थीं , किन्तु वह व्यक्तिगत रूप से भारत और नेपाल के विभिन्न तिब्बती आवासों तथा स्कूलों, जिनकी उन्होंने सहायता की थी, का दौरा भी करती थीं।
परम पावन ने यह कहते हुए समाप्त किया कि वह अपनी प्रार्थना में अमा का स्मरण करेंगे।