धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश, भारत - २१ जुलाई २०१४ (हिंदुस्तान टाइम्स) - तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा लद्दाख में ३३वें कालचक्र प्रवचनों के समापन के पश्चात दिल्ली से धर्मशाला लौटे। ७३ देशों के करीब २०००,००० श्रद्धालुओं ने ३ जुलाई से १४ तक आयोजित कालचक्र में भाग लिया था।
प्रवचनों के दौरान दलाई लामा ने लद्दाख में विभिन्न समुदायों के बीच धार्मिक और सामाजिक सद्भाव का आह्वान किया।
इस बीच गग्गल हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए आध्यात्मिक नेता ने विश्व के विभिन्न भागों में हो रही हिंसा पर चिंता व्यक्त की।
"सभी धर्म प्रेम और करुणा की बात करते हैं। यह बहुत दुख की बात है कि इन धर्मों के अनुयायी हिंसा में लिप्त हैं," दलाई लामा ने कहा।
आध्यात्मिक नेता के आगामी कार्यक्रम में अगस्त में जर्मनी की एक यात्रा शामिल है, जहाँ वे हमबर्ग में अगस्त २३ को ह्यूमन वेल्यूस इन अवर लाइव्स (धर्मनिरपेक्ष नैतिकता - हमारे जीवन में मानव मूल्य) पर एक चर्चा का नेतृत्व करेंगे।
वे अगस्त २४ और २५ को शांतिदेव के बोधिसत्वचर्यावतार पर प्रवचन भी देंगे तथा अगस्त २६ की प्रातः अवलोकितेश्वर अभिषेक प्रदान करेंगे।