व्रोकला, पोलैंड, १९ सितम्बर २०१६ - फ्रांस की एक सप्ताह की सफल यात्रा के पश्चात, जिसके दौरान उन्होंने यूरोपीय संसद और यूरोप की परिषद का दौरा किया, प्रवचन दिए और हजारों लोगों से बात की, वहाँ से प्रस्थान करने के पूर्व परम पावन दलाई लामा ने दो एक लघु साक्षात्कार दिए।
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एली पत्रिका के डोरोथी वर्नर के साथ उनकी बातचीत में पारिस्थितिकी के महत्व, कैसे हम सभी समान रूप से मनुष्य हैं, महिलाओं की स्थिति और अधिक महिलाओं के नेताओं की आवश्यकता जैसे विषयों पर चर्चा हुई। उनके साप्ताहिक सांस्कृतिक पत्रिका टेलेरेमा के संवाददाता के साथ हुए विचारों के आदान-प्रदान में, मृत्यु के समय चेतना का क्या होता है, अपने पूर्व जन्म की स्पष्ट स्मृतियाँ लिए छोटे बच्चे जिनसे परम पावन मिले हैं और विज्ञान में उनकी दीर्घ कालीन रुचि जैसे विषय उठाए गए।
"अपने बाल्यकाल से ही मैं उत्सुक रहा हूँ," उन्होंने कहा, "यह जानने के लिए कि यह कैसे होता है और वह कैसे काम करता है।"
लगभग ५० स्वयंसेवक, जो स्ट्रासबर्ग में परम पावन के पाँच दिन के प्रवास के आयोजन में शामिल हुए थे, होटल प्रांगण में एकत्रित हुए। परम पावन को विदाई देने से पहले उन्होंने समूहों में उनके साथ तसवीरें खिंचवाईं।
स्ट्रासबर्ग हवाई अड्डे से उन्होंने सीधे पोलैंड में व्रोकला के लिए उड़ान भरी, जहां उनके मेजबान, व्रोकला के महापौर राफाल डटकिविज़ उनका अभिनन्दन करने और शहर में उनके होटल तक उनका अनुरक्षण करने के लिए उपस्थित थे। पोलैंड में निवास करने और अध्ययन करने वाले तिब्बती रेशमी स्कार्फ और मुस्कान के साथ उनका स्वागत करने के लिए द्वार पर उपस्थित थे।
परम पावन ने अपनी यात्रा के बाद आराम करने हेतु जाने से पूर्व तत्काल तिब्बत के लिए पोलिश सांसदों के समूह के सदस्यों के साथ भेंट की, जो उन्हें देखने के लिए विशेष रूप से वारसॉ से आए थे।
यह वर्ष २०१६, व्रोकला संस्कृति की यूरोपीय राजधानी है और कल परम पावन डेपो हिस्ट्री सेंटर में एक प्रदर्शनी की यात्रा करेंगे, जिसका शीर्षक है 'फरगिवनेस एंड रीकनसिलियोशन (क्षमा और सुलह)' और वे स्वतंत्रता पर बोलेंगे।