१ ३४वें कालचक्र अभिषेक में भाग ले रहे तिब्बती प्रातः महाबोधि स्तूप पर समर्पित करने के लिए पुष्प खरीदते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी ३, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
कालचक्र अभिषेक की तैयारी के दूसरे दिन नमज्ञल विहार के भिक्षु मिलकर प्रार्थना का पाठ करते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी ३, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
कालचक्र अभिषेक की तैयारी के दूसरे दिन नमज्ञल विहार के उपाध्याय श्रद्धेय ठोमथोग रिनपोछे मंडल मंडप में अनुष्ठान करते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी ३, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा कालचक्र अभिषेक की तैयारी के दूसरे दिन मध्याह्न भोजन के दौरान नन्हें ठुलशिक रिनपोछे को एक बौद्ध ग्रंथ देते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी ३, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा ३४वें कालचक्र अभिषेक के दौरान सभी सुरक्षा सहायता के लिए स्थानीय पुलिस कमांडर को धन्यवाद देते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी ३, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा कालचक्र अभिषेक की तैयारी के दूसरे दिन नमज्ञल विहार के भिक्षुओं द्वारा प्रदर्शित भूमि अनुष्ठान नृत्य देखते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी ३, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
कालचक्र अभिषेक की तैयारी के दूसरे दिन नमज्ञल विहार के भिक्षु भूमि अनुष्ठान नृत्य प्रदर्शित करने के उपरांत कालचक्र अभिषेक की तैयारी के अंग के रूप में मंडल मंडप को घेरे हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी ३, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
कालचक्र अभिषेक की तैयारी के अंग के रूप में जहाँ रेत मंडल का निर्माण होगा वहाँ भिक्षु जमीन पर आनुष्ठानिक कलश रखते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी ३, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
कालचक्र अभिषेक की तैयारी के दूसरे दिन नमज्ञल विहार के उपाध्याय श्रद्धेय ठोमथोग रिनपोछे कालचक्र रेत मंडल की पहली रेखाएँ खींचते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी ३, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
कालचक्र अभिषेक की तैयारी के दूसरे दिन के समापन पर प्रस्थान करने से पूर्व परम पावन दलाई लामा कालचक्र रेत मंडल के आधार के रूप में खींची गई पहली कुछ रेखाओं को देखते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी ३, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल