अवलोकितेश्वर ग्रंथमाला 7 - आनन्द की ओर
द्वारा परम पावन दलाई लामा
‘आनन्द की ओर’ परम पावन दलाई लामा द्वारा दिए गए मौखिक उपदेशों के अंग्रेज़ी अनुवाद का हिन्दी रूपान्तर है। इनका आधार है पणछेन लोसंग छोए क्यि ग्यलछेन द्वारा रचित ‘लमरिम' ग्रंथ ‘सर्वज्ञता के लिए आनन्द मार्ग‘। दलाई लामा जी द्वारा ये प्रवचन धर्मशाला स्थित उनके मुख्य बौद्ध मन्दिर थेग- छेन-छोस लिंग ‘च़ुगला खंग‘ में 1988 के वसन्त में दिए गए थे। लमरिम ध्यान पद्धति बोधि - प्राप्ति हेतु एक क्रमबद्ध साधना का मार्ग है। यह हिन्दी रूपान्तर परम पावन दलाई लामा जी के आदेशानुसार हुआ है।
द्वारा प्रकाशित केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान, सारनाथ, वाराणसी, 2013