बोधगया, बिहार, आज प्रातः जब लोग बोधगया की सड़कों पर परम पावन को विदा देने उमड़ पड़े तो परम पावन दलाई लामा सर्वप्रथम महाबोधि स्तूप के मुख्य गृह बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष तत्पश्चात वज्रासन के समक्ष अपना सम्मान प्रकट करने गए। उसके बाद वे गाड़ी से गया हवाई अड्डे गए जहाँ से वे दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे और १ फरवरी धर्मशाला लौटने से पहले परम पावन दिल्ली में नियमित चिकित्सा जांच हेतु जाएँगे।
कल, परम पावन स्थानीय भारतीय प्रशासन और उनके परिवारों के कई सदस्यों को दर्शन देने के अतिरिक्त, कथोग गेचे रिनपोछे से मिले, जो कुछ दिनों पूर्व ही ञिङमा परम्परा के प्रमुख के रूप में चुने गए हैं। रिनपोछे ने औपचारिक रूप से एक मंडल तथा बुद्ध के काय, वाक् और चित्त के प्रतीक प्रस्तुत किए। परम पावन ने उन्हें बधाई, बहुत शुभकामनाएँ दीं और उन्हें गुरु पद्मसंभव की एक प्रतिमा भेंट की जिसके उपरांत उन दोनों ने मिलकर चायपान किया। उनके साथ वार्तालाप के दौरान परम पावन ने निम्नलिखित कामना अभिव्यक्त की:
विश्व में बुद्ध के प्रकट होने के कारण सूर्य की आभा सम धर्म उद्दीप्त है और जिन्होंने उसे धारण किया है उनके बीच मैत्रीपूर्ण सामंजस्य और सद्भावना दीर्घ काल तक बनी रहे।