थेगछेन छोलिंग, धर्मशाला, हि.प्र, भारत - शिंज़ो एब को जापान के प्रधान मंत्री के रूप में पुनर्निर्वाचित किए जाने पर बधाई देकर लिखते हुए परम पावन दलाई लामा ने विश्वास व्यक्त किया कि वे जापानी लोगों द्वारा उन पर रखी गई आशा और विश्वास को बनाए रखेंगे।
उन्होंने लिखा, "विश्व के कई भागों में अनिश्चितता और उथल-पुथल के इस समय , यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से समस्याओं के समाधान के सच्चे व ठोस प्रयास किए जाएँ। इस वर्ष परमाणु हथियारों को समाप्त करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय अभियान (आईसीएएन) को प्रदान किया गया नोबेल शांति पुरस्कार पुरस्कार एक प्रबल संदेश है जो इन शस्त्रों द्वारा मानवता को जो खतरा है उसको समाप्त करने की तात्कालिकता को मान्यता देता है।
"हिरोशिमा पर गिराए गए पहले परमाणु बम की ७० वीं वर्षगांठ की स्मृति समारोह के दौरान विश्व भर में परमाणु निशस्त्रीकरण के लिए आपका आग्रह सही दिशा में एक समान कदम थ। मैं बिना परमाणु शस्त्रों के विश्व को प्राप्त करने की ओर सशक्त प्रयास की आशा करता हूँ।"
परम पावन इस पर भी संतोष व्यक्त किया कि भारत और जापान निकट आपसी संबंध विकसित कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि यह स्वाभाविक है कि ये दो महान राष्ट्र, सबसे बड़े लोकतंत्र और एशिया में सबसे अधिक औद्योगिक लोकतंत्र का एक विशेष संबंध होना चाहिए।
अंत में, परम पावन ने न केवल सराहना व्यक्त की, कि वे विगत वर्षों में जापान की नियमित रूप से यात्रा करने में सफल रहे हैं, पर यह भी कि जीवन के सभी क्षेत्रों के जापानी लोगों ने आधारभूत मानवीय मूल्यों और धार्मिक सामंजस्य को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों में रुचि और उत्साह दिखाया है।