लेह, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, भारत, १४ अगस्त - परम पावन दलाई लामा के सम्मान में लद्दाख हिल डेवलपमेंट काउंसिल (एलएएचडीसी), लद्दाख और जांस्कर की स्थानीय सरकार ने उन्हें मध्याह्न भोज के लिए आमंत्रित किया।
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फोरेस्ट पार्क पिकनिक स्थल पर मुख्य कार्यकारी पार्षद डॉ सोनम दावा ने उनका स्वागत किया। उन्होंने प्रार्थना ध्वज से मंडित स्टील पुल पर से होते हुए सिंधु नदी को पार किया । परम पावन ने उनका स्वागत करते ढोलकियों तथा श्रृंग वादकों का अभिनन्दन किया जिसका प्रत्युत्तर उन्होंने भी अभिनन्दन से किया।
मोरुप नमज्ञल, जिन्हें परम पावन ने एक पुराने मित्र के रूप में गले लगाया, ने कार्यक्रम का प्रारंभ करते हुए परम पावन की स्तुति में एक छंद का पाठ किया। डॉ सोनम दावा ने संक्षेप में अपनी बात रखते हुए गणमान्य व्यक्तियों का अभिनन्दन किया, जिसमें गदेन ठि रिनपोछे, बकुला रिनपोछे, थुपतेन छेवांग(संसद सदस्य), रिगजिन जोरा (विधायक) और लेह के जिला आयुक्त थे। उन्होंने लद्दाख के हाल ही के शैक्षिक और राजनीतिक विकास में से कुछ पर प्रकाश डाला और परम पावन से उनकी सलाह का अनुरोध किया।
कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का परिचय देते हुए मोरुप नमज्ञल ने ७वीं शताब्दी में तिब्बती सम्राट सोंगचेन गमपो के शासनकाल से तिब्बत और लद्दाख के बीच के ऐतिहासिक संबंधों का स्मरण किया। उन्होंने परम पावन के नियमित यात्रा के कारण उस क्षेत्र की प्रगति और विकास पर हुए प्रभाव की सराहना की। समापन में थोरथुक के मोहम्मद खान ने परम पावन की प्रशंसा में लद्दाखी में एक कविता सुनाई। उन्होंने कहा, "आप (बौद्ध) उन्हें केवल अपना नहीं कह सकते; वह हम (मुसलमानों) के भी हैं।"
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भाइयों और बहनों के रूप में सभा को संबोधित करते हुए परम पावन ने सुझाया कि व्याख्यान देने बजाय वह प्रश्नों के उत्तर देना पसंद करेंगे। इच्छा मृत्यु के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि गर्भपात के प्रश्न की तरह इसका सामान्यीकरण करना कठिन है और प्रत्येक मामले में सभी कारकों को शामिल किया जाना चाहिए। जल प्रदूषण के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में परम पावन ने पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के महत्व के बारे में और जल के संरक्षण के बारे में भी संक्षेप में बात की। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने मित्र चिपको आंदोलन के संस्थापक, सुंदरलाल बहुगुणा से वादा किया था कि वे लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश के भारत के हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरण के मुद्दों पर जब भी संभव हो बात करेंगे।
सबके साथ भोजन के आनंद लेने के पश्चात जिला आयुक्त ने रसोइयों को उनके अच्छे कार्य के लिए और लद्दाख पर्वतीय परिषद को कार्यक्रम के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। तत्पश्चात परम पावन अपने निवास लौट आए।