टोक्यो, जापान, २ अप्रैल २०१५ - दिल्ली से एक सुखद उड़ान के अंत में, परम पावन दलाई लामा आज प्रातः जापान पहुँचे। जापान एयरलाइंस के एक प्रोटोकॉल अधिकारी और भारतीय दूतावास के एक प्रतिनिधि ने हवाई जहाज़ से उतरते ही उनका स्वागत किया।
हवाई अड्डे से निकलते हुए वे रास्ते में मीडिया के सदस्यों से बात करने के लिए रुके और उनसे अपनी प्रतिबद्धताओं के बारे में बताया कि हम सब मनुष्य के रूप में एक समान हैं और सुख का वास्तविक स्रोत हमारे अंदर निहित हैं। उन्होंने अंतर्धार्मिक सद्भाव को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया और अंत में मज़ाक करते हुए कहा कि उन्हें जापानी चावल कितना अच्छा लगता है। सोटो ज़ेन परम्परा के पुरोहितों ने उनका स्वागत किया और कई पुराने मित्रों ने उनका अभिनन्दन किया।
जापान की अपनी २१वीं यात्रा के दौरान, परम पावन कल पहली बार होक्काइडो के उत्तरी द्वीप की यात्रा करेंगे। वे 'हृदय सूत्र', नागार्जुन के 'बोधिचित्त विवरण' तथा कमलशील के 'भावनाक्रम' के मध्यम वर्ग पर कई सार्वजनिक व्याख्यान और बौद्ध प्रवचन देंगे।