पावन दलाई लामा के सेरा-मे महाविहार आगमन पर तिब्बती बच्चे पारम्परिक वेश भूषा में दूध के पात्र तथा अनाज व सत्तू के साथ उनका पारम्परिक रूप से स्वागत करते हुए, बायलाकुप्पे, कर्नाटक, भारत, दिसंबर २१, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
नूतन शास्त्रार्थ प्रांगण के उद्घाटन के अवसर पर सेरा-मे महाविहार मन्दिर प्रांगण का एक दृश्य, बायलाकुप्पे, कर्नाटक, भारत, दिसंबर २१, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
परम पावन दलाई लामा सेरा-मे महाविहार शास्त्रार्थ प्रांगण के उद्घाटन के लिए फीता काटने के बाद मंगल छंदों का पाठ करते हुए, बायलाकुप्पे, कर्नाटक, भारत, दिसंबर २१, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
सेरा-मे महाविहार में नूतन शास्त्रार्थ प्रांगण के उद्घाटन के प्रारंभ में मंत्राचार्य छंदों का पाठ करते हुए, बायलाकुप्पे, कर्नाटक, भारत, दिसंबर २१, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
सेरा-मे महाविहार में नूतन शास्त्रार्थ प्रांगण के उद्घाटन के अवसर के दौरान प्रमुख अतिथियों में से एक, जगदगुरु श्री शिवरात्रि परम पावन दलाई लामा के प्रति सम्मान के प्रतीक के रूप में उन्हें एक दुशाला, हार व पगड़ी समर्पित करते हुए, बायलाकुप्पे, कर्नाटक, भारत, दिसंबर २१, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
नूतन शास्त्रार्थ प्रांगण के उद्घाटन के दौरान सेरा-मे महाविहार में शास्त्रार्थ प्रांगण का एक दृश्य, बायलाकुप्पे, कर्नाटक, भारत, दिसंबर २१, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
सेरा-मे महाविहार में नूतन शास्त्रार्थ प्रांगण के उद्घाटन में भाग लेने के लिए ८००० से अधिक शामिल हुए लोगों में से कुछ, बायलाकुप्पे, कर्नाटक, भारत, दिसंबर २१, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
सेरा-मे महाविहार शास्त्रार्थ प्रांगण के उद्घाटन समारोह के अंग के रूप में परम पावन दलाई लामा "प्रतीत्य समुत्पाद स्तुति" पर प्रवचन देते हुए, बायलाकुप्पे, कर्नाटक, भारत, दिसंबर २१, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
परम पावन दलाई लामा सेरा-मे महाविहार शास्त्रार्थ प्रांगण के उद्घाटन समारोह के समापन पर प्रस्थान करते समय तिब्बती समुदाय के वयोवृद्ध सदस्यों का अभिनन्दन करते हुए, बायलाकुप्पे, कर्नाटक, भारत, दिसंबर २१, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग