परम पावन दलाई लामा केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में भारतीय दार्शनिक विचार परम्पराएँ और आधुनिक विज्ञान में चित्त पर सम्मेलन के स्थल की ओर चलकर जाते हुए, सारनाथ, वाराणसी, भारत, दिसंबर ३०, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
परम पावन दलाई लामा केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में भारतीय दार्शनिक विचार परम्पराएँ और आधुनिक विज्ञान में चित्त पर सम्मेलन के स्थल की ओर जाते समय तिब्बती कलाकार द्वारा बनाए एक चित्र पर हस्ताक्षर करते हुए, सारनाथ, वाराणसी, भारत, दिसंबर ३०, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
परम पावन दलाई लामा केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में भारतीय दार्शनिक विचार परम्पराएँ और आधुनिक विज्ञान में चित्त पर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के लिए मंच पर आगमन पर पैनल के सह सदस्यों का अभिनन्दन करते हुए, सारनाथ, वाराणसी, भारत, दिसंबर ३०, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में भारतीय दार्शनिक विचार परम्पराएँ और आधुनिक विज्ञान में चित्त पर सम्मेलन में श्रोतागण परिचयों को सुनते हुए, सारनाथ, वाराणसी, भारत, दिसंबर ३०, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
परम पावन दलाई लामा केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में भारतीय दार्शनिक विचार परम्पराएँ और आधुनिक विज्ञान में चित्त पर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपना उद्घाटन भाषण देते हुए, सारनाथ, वाराणसी, भारत, दिसंबर ३०, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
परम पावन दलाई लामा केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में भारतीय दार्शनिक विचार परम्पराएँ और आधुनिक विज्ञान में चित्त पर सम्मेलन में प्रोफेसर शुभदा जोशी की प्रस्तुति को सुनते हुए, सारनाथ, वाराणसी, भारत, दिसंबर ३०, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में भारतीय दार्शनिक विचार परम्पराएँ और आधुनिक विज्ञान में चित्त पर सम्मेलन में जाधवपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रूपा बांदोपाध्याय अद्वैत परिप्रेक्ष्य से चित्त की अवधारणा प्रस्तुत करती हुईं, सारनाथ, वाराणसी, भारत, दिसंबर ३०, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में भारतीय दार्शनिक विचार परम्पराएँ और आधुनिक विज्ञान में चित्त पर सम्मेलन में जाधवपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रूपा बांदोपाध्याय द्वारा अपनी प्रस्तुति रखते समय कार्यक्रम स्थल का एक दृश्य, सारनाथ, वाराणसी, भारत, दिसंबर ३०, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में भारतीय दार्शनिक विचार परम्पराएँ और आधुनिक विज्ञान में चित्त पर सम्मेलन में रामकृष्ण मिशन विवेकानंद शिक्षा और अनुसंधान संस्थान के कुलपति, स्वामी आत्मप्रियानंद बोलते हुए, सारनाथ, वाराणसी, भारत, दिसंबर ३०, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में भारतीय दार्शनिक विचार परम्पराएँ और आधुनिक विज्ञान में चित्त पर सम्मेलन के प्रथम दिन श्रोतागण प्रस्तुतियों को सुनते हुए, सारनाथ, वाराणसी, भारत, दिसंबर ३०, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
परम पावन दलाई लामा, केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में भारतीय दार्शनिक विचार परम्पराएँ और आधुनिक विज्ञान में चित्त पर सम्मेलन के प्रथम दिन की प्रस्तुतियों पर टिप्पणी करते हुए, सारनाथ, वाराणसी, भारत, दिसंबर ३०, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में भारतीय दार्शनिक विचार परम्पराएँ और आधुनिक विज्ञान में चित्त के सम्मेलन के प्रथम दिन श्रोतागण परम पावन दलाई लामा की टिप्पणी सुनते हुए, सारनाथ, वाराणसी, भारत, दिसंबर ३०, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग