परमपावन दलाई लामा कालचक्र मैदान में अन्तिम दिन के प्रवचन के लिए पधारते हुये । बोधगया, बिहार, भारत । ६ / जनवरी २०२० / चित्र- तेनज़िन छोएजोर
प्रवचन के अन्तिम दिन परमपावन दलाई लामा कालचक्र मैदान में स्थापित मंच के अलग-अलग कोनों में जाकर वहां उपस्थित 35,000 श्रद्धालुओं का अभिवादन करते हुये । बोधगया, बिहार, भारत । ६ / जनवरी २०२० / चित्र- तेनज़िन छोएजोर
परमपावन दलाई लामा प्रवचन के अन्तिम दिन सिंहासन पर बैठने से पूर्व श्रद्धालुओं की ओर हाथ हिलते हुये । बोधगया, बिहार, भारत । ६ / जनवरी २०२० / चित्र- तेनज़िन छोएजोर
मञ्जुघोषधर्मचक्र प्रवचन के क्रम में अन्तिम अनुज्ञा के दौरान एक सहायक भिक्षु अनुष्ठानिक द्रव्य को श्रद्धालुओं के पास ले जाते हुये । बोधगया, बिहार, भारत । ६ / जनवरी २०२० / चित्र- तेनज़िन छोएजोर
परमपावन दलाई लामा मञ्जुघोषधर्मचक्र प्रवचन के क्रम में अन्तिम अनुज्ञा प्रदान करते हुये । बोधगया, बिहार, भारत । ६ / जनवरी २०२० / चित्र- तेनज़िन छोएजोर
कालचक्र मैदान में मञ्जुघोषधर्मचक्र प्रवचन के क्रम में अन्तिम अनुज्ञा के दौरान स्वयंसेवी भिक्षुगण आयु-गुलिका का वितरण करते हुये । बोधगया, बिहार, भारत । ६ / जनवरी २०२० / चित्र- तेनज़िन छोएजोर
पांच दिवसीय प्रवचन के अन्त में दलाई लामा न्यास के सदस्य श्री जाम्फेल ल्हुन्डब प्रवचन आयोजन के दौरान किये गये वित्तीय खर्च का विवरण प्रस्तुत करते हुये । बोधगया, बिहार, भारत । ६ / जनवरी २०२० / चित्र- तेनज़िन छोएजोर
कालचक्र मैदान में प्रवचन की समाप्ति पर परमपावन दलाई लामा दस अनुवादकों में एक रूसी अनुवादक का धन्यवाद करते हुये । बोधगया, बिहार, भारत । ६ / जनवरी २०२० / चित्र- तेनज़िन छोएजोर