डेपुङ लोसलिङ सभागार में आचार्य आर्यदेव द्वारा विरचित ग्रन्थ ‘चतुःशतक’ पर आयोजित संगोष्ठी के दौरान परमपावन दलाई लामा एक विद्वान वक्ता को सुनते हुये । मुण्डगोड, कर्नाटक, भारत । १७ / दिसम्बर /२०१९ चित्र- लोब्ज़ाङ छ़ेरिङ
डेपुङ लोसलिङ सभागार में आचार्य आर्यदेव द्वारा विरचित ग्रन्थ ‘चतुःशतक’ पर आयोजित संगोष्ठी के दौरान एक विद्वान वक्ता अपने शोधपत्र पर वक्तव्य प्रस्तुत करते हुये । मुण्डगोड, कर्नाटक, भारत । १७ / दिसम्बर /२०१९ चित्र- लोब्ज़ाङ छ़ेरिङ
डेपुङ लोसलिङ सभागार में आचार्य आर्यदेव द्वारा विरचित ग्रन्थ ‘चतुःशतक’ पर आयोजित संगोष्ठी के दौरान भिक्षुगण शोधपत्र को पढ़ते हुये । मुण्डगोड, कर्नाटक, भारत । १७ / दिसम्बर /२०१९ चित्र- लोब्ज़ाङ छ़ेरिङ
डेपुङ लोसलिङ सभागार में आचार्य आर्यदेव द्वारा विरचित ग्रन्थ ‘चतुःशतक’ पर आयोजित संगोष्ठी में परमपावन दलाई लामा के सम्बोधन के दौरान सभागार का दृश्य । मुण्डगोड, कर्नाटक, भारत । १७ / दिसम्बर /२०१९ चित्र- लोब्ज़ाङ छ़ेरिङ
डेपुङ लोसलिङ सभागार में आचार्य आर्यदेव द्वारा विरचित ग्रन्थ ‘चतुःशतक’ पर आयोजित संगोष्ठी में परमपावन दलाई लामा सभा को सम्बोधित करते हुये । मुण्डगोड, कर्नाटक, भारत । १७ / दिसम्बर /२०१९ चित्र- लोब्ज़ाङ छ़ेरिङ
डेपुङ लोसलिङ सभागार में आचार्य आर्यदेव द्वारा विरचित ग्रन्थ ‘चतुःशतक’ पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं की प्रस्तुतियों को अंग्रज़ी में अनुवाद करते अंग्रेज़ी दुभाषिया । मुण्डगोड, कर्नाटक, भारत । १७ / दिसम्बर /२०१९ चित्र- लोब्ज़ाङ छ़ेरिङ
डेपुङ लोसलिङ सभागार में आचार्य आर्यदेव द्वारा विरचित ग्रन्थ ‘चतुःशतक’ पर आयोजित संगोष्ठी के प्रातःकालीन सत्र के उपरान्त सभागार से प्रस्थान करते समय परमपावन दलाई लामा हाथ हिलाकर अभिवादन करते हुये । मुण्डगोड, कर्नाटक, भारत । १७ / दिसम्बर /२०१९ चित्र- लोब्ज़ाङ छ़ेरिङ