परम पावन दलाई लामा के प्रवचन में ८००० से अधिक भाग ले रहे लोगों द्वारा भरा गदेन लाची और गदेन शरचे महाविहारों के बीच के प्रांगण का एक दृश्य, मुंडगोड, कर्नाटक, भारत, दिसंबर १७, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
परम पावन दलाई लामा प्रवचन से पूर्व गदेन लाची महाविहार में प्रतिमाओं के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए, मुंडगोड, कर्नाटक, भारत, दिसंबर १७, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
गदेन लाची महाविहार में प्रवचन के प्रारंभ में परम पावन दलाई लामा तथा गदेन ठिपा पारस्परिक रूप से अभिनन्दन करते हुए, मुंडगोड, कर्नाटक, भारत, दिसंबर १७, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
परम पावन दलाई लामा अपने प्रवचन के दौरान, मुंडगोड, कर्नाटक, भारत, दिसंबर १७, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
गदेन लाची महाविहार में परम पावन दलाई लामा के प्रवचन के दौरान गदेन शरचे महाविहार में भिक्षु तथा भिक्षुणियाँ उन्हें बड़े परदे पर देखती हुईं, मुंडगोड, कर्नाटक, भारत, दिसंबर १७, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
गदेन लाची महाविहार में परम पावन दलाई लामा के प्रवचन के दौरान श्रोताओं में उपस्थित भिक्षु उन्हें सुनते हुए, मुंडगोड, कर्नाटक, भारत, दिसंबर १७, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
गदेन लाची महाविहार में परम पावन दलाई लामा अपने प्रवचन के दौरान 'मार्ग के तीन प्रमुख आकार' ग्रंथ पर टिप्पणी करते हुए, मुंडगोड, कर्नाटक, भारत, दिसंबर १७, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
गदेन लाची महाविहार में प्रवचन के दौरान बाल भिक्षु परम पावन दलाई लामा की एक झलक पाने का प्रयास करते हुए, मुंडगोड, कर्नाटक, भारत, दिसंबर १७, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
परम पावन दलाई लामा के प्रवचन के दौरान गदेन लाची महाविहार के अन्दर का एक दृश्य, मुंडगोड, कर्नाटक, भारत, दिसंबर १७, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग
गदेन लाची महाविहार में परम पावन दलाई लामा के प्रवचन के दौरान लगभग ८००० की संख्या में जनमानस, जिनमें अधिकांश तिब्बती तथा हिमालयीन प्रदेशों के लोग, प्रांगण को भरते हुए, मुंडगोड, कर्नाटक, भारत, दिसंबर १७, २०१७ चित्र/लोबसंग छेरिंग