बोधगया में ३४वें कालचक्र में सम्मिलित तिब्बती तथा हिमालय समुदायों के सदस्य परम पावन दलाई लामा के महाबोधि मंदिर जाते समय उनका अभिनन्दन करते हेतु मार्ग में पंक्तिबद्ध होकर प्रतीक्षा करते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी १५, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा महाबोधि मंदिर पहुँचते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी १५, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा महाबोधि मंदिर के अंदर शाक्यमुनि बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष अपनी श्रद्धा अर्पित करते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी १५, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा के महाबोधि मंदिर की तीर्थयात्रा के दौरान मंदिर में तीर्थयात्री उनकी एक झलक पाने की आशा में देखते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी १५, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा महाबोधि मंदिर की प्रदक्षिणा करते समय नन्हें तीर्थयात्रियों का अभिनन्दन करते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी १५, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा महाबोधि मंदिर की प्रदक्षिणा करते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी १५, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा कालचक्र मंदिर में अपनी संक्षिप्त यात्रा के दौरान एक अंतिम बार कालचक्र रेत मंडल को निहारते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी १५, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा कालचक्र प्रवचन भूमि से प्रस्थान करते समय सस्वर पाठ करते नमज्ञल विहार के भिक्षुओं का अभिनन्दन करते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी १५, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
महाबोधि मंदिर के अंदर शाक्यमुनि बुद्ध प्रतिमा का निकट से चित्र, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी १५, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल