३४वें कालचक्र अभिषेक के प्रथम दिन के प्रारंभ में परम पावन दलाई लामा के अपने आवास से कालचक्र प्रवचन स्थल पर आगमन पर शुभचिंतकों द्वारा उनके स्वागत की प्रतीक्षा के समय महाबोधि स्तूप धुंध के बीचों बीच से ऊपर उठता सा प्रतीत होता हुआ, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी २, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा कालचक्र अभिषेक के प्रारंभिक अनुष्ठान को प्रारंभ करने हेतु आगमन पर कालचक्र मंदिर में उपस्थित लोगों का अभिनन्दन करते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी २, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
सिक्योंग डॉ लोबसंग सांगे कालचक्र अभिषेक के प्रारंभिक अनुष्ठान के प्रारंभ में पारम्परिक समर्पण करते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी २, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा कालचक्र अभिषेक के प्रारंभिक अनुष्ठान के एक अंग के रूप में आनुष्ठानिक समर्पण करते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी २, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
नमज्ञल विहार के भिक्षु कालचक्र अभिषेक के प्रथम दिन प्रारंभिक अनुष्ठान में सम्मिलित होते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी २, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा ३४वें कालचक्र अभिषेक के प्रथम प्रवचन के प्रारंभ में जनमानस का हाथ हिलाकर अभिनन्दन करते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी २, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा ३४वें कालचक्र अभिषेक के प्रथम दिन बोलते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी २, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा के प्रथम प्रवचन के अवसर पर ३४वें कालचक्र अभिषेक में सम्मिलित कई हजारों विदेशियों में से एक प्रवचन के मुख्य बिंदुओं को लिखते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी २, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
परम पावन दलाई लामा और नमज्ञल विहार के भिक्षु कालचक्र अभिषेक के प्रथम दिन प्रारंभिक अनुष्ठानों को जारी रखते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी २, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
कालचक्र अभिषेक के प्रथम दिन प्रारंभिक अनुष्ठानों के दौरान नमज्ञल विहार के भिक्षु मंडल मंडप के चारों ओर आनुष्ठानिक उपकरण लिए खड़े हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी २, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
कालचक्र अभिषेक के प्रथम दिन प्रारंभिक अनुष्ठानों के अंग के रूप में नमज्ञल विहार के भिक्षु आनुष्ठानिक कलश तैयार करते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी २, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल
३४वें कालचक्र अभिषेक के प्रथम दिन के अंत में परम पावन दलाई लामा के अपने आवास लौटते समय तिब्बती और हिमालय समुदायों के सदस्य उनकी एक झलक पाने की प्रतीक्षा करते हुए, बोधगया, बिहार, भारत, जनवरी २, २०१७ चित्र/तेनजिन छोजोर/ओएचएचडीएल