मैंने कई अवसरों पर भारत, जो हमारा वर्तमान घर है, और तिब्बत में वृक्षारोपण के महत्त्व के विषय में टिप्पणी की है। आज एक प्रतीकात्मक रूप में हम यहाँ आवास में वृक्षारोपण समारोह मना रहे हैं। सौभाग्य से नए वृक्ष लगाने और जो मौजूद हैं उनका ध्यान रखने के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक गहरी प्रतिबद्धता की दिशा में आंदोलन तीव्र गति से पूरे विश्व में बढ़ रहा है। वैश्विक स्तर पर वृक्ष तथा वन जलवायु परिवर्तन से तथा प्रकृति में महत्त्वपूर्ण संतुलन बनाए रखने में बहुत निकट रूप से जुड़े हैं। इसलिए पर्यावरण संरक्षण का कार्य हम सभी के लिए एक सार्वभौमिक उत्तरदायित्व है। मुझे लगता है कि आवास में रहने वाले तिब्बतियों के लिए यह अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है कि वे न केवल पर्यावरण संरक्षण के कारण में एक गहरी रुचि लें पर इस आदर्श को नए वृक्षारोपण कर क्रियान्वित भी करें। इस तरह हम विश्व को अपने वैश्विक चिंता का प्रदर्शन और साथ ही इस ओर हमारे छोटे किन्तु महत्त्वपूर्ण योगदान का संकेत दे पाएँगे।
यदि हम चारों ओर देखें तो हम देख सकते हैं कि विहारों के घरों और विभिन्न शिविरों में जहाँ लोगों ने फलों के वृक्ष लगाएँ हैं वे अपने कार्य के फलस्वरूप बहुत लाभ उठा रहे हैं। सबसे पहले तो यदि आपके आँगन में एक वृक्ष है तो वह अपने चारों ओर प्राकृतिक सुंदरता और शांति का वातावरण उत्पन्न करता है। यह भी स्पष्ट है कि आप वृक्ष के फल खा सकते हो, उसके नीचे बैठ सकते हैं और ठंडी छाँव का आनंद उठा सकते हैं। आपको केवल उस वृक्ष को बढ़ने देने के लिए कुछ समय देने के धैर्य की आवश्यकता थी।
अंत में, मैं आवास के इस कृषि क्षेत्र के उपयोग के संबंध में एक सुझाव देना चाहूँगा। इस आवास में आपने पहले से ही कृषि क्षेत्र पर फलों के वृक्ष लगाने की परियोजना प्रारंभ की है। मेरे विचार में यह एक बहुत अच्छी योजना है। अपनी भूमि पर फलों के पेड़ लगाकर हम न केवल यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि खेत उत्पादक बना रहे पर आपके खाने के लिए फल भी होगें। संक्षेप में, मैं पुनः यह ज़ोर देकर कहना चाहूँगा कि यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण है कि नए पेड़ लगाए जाएँ और आप के चारों ओर जो पहले से ही बढ़ रहे हैं उनका संरक्षण किया जाए।
दोगुलिंग तिब्बती आवास में एक विशेष समारोह में भाषण, मुंडगोड, कर्नाटक, भारत - ६ दिसंबर १९९०
तिब्बती के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी से अनुकूलित (ApTibet)
न्यूज़लेटर संख्या ५, सितम्बर १९९१