थेगछेन छोएलिङ, धर्मशाला, हि. प्र - परमपावन दलाई लामा ने सम्राट नारूहितो के राज्यभिषेक तथा नये रीई युग के आरम्भ पर बधाई संदेश लिखा है ।
“राजकुमार, मैं आपके दृढ़ संकल्प की हृदय से प्रशंसा करता हूँ कि आप अपने सम्मानित पिता सम्राट एमेरिटस की तरह प्रजा के साथ करुणामय दृष्टिकोण अपनाते हुये उनके साथ बेहतरीन संवाद स्थापित करने तथा राष्ट्र के दायित्व को निभाने की परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं ।”
“मेरे मन में जापानी लोगों के समर्पण-भाव के प्रति गहरा सम्मान है क्योंकि जिस तरह जापान द्वितीय विश्व युद्ध की राख से पुनः उठ खड़ा हुआ वह अप्रतिम है । बाद के वर्षों में भी, जापान ने अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है, लेकिन कड़ी मेहनत और एकात्म-भाव की शक्ति के संयोजन से जापान पूर्व की भांति स्थापित है । जब मुझे वर्ष 2011 के विनाशकारी भूकंप और सुनामी से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने का अवसर मिला था तब मैंने इसे अपनी आँखों से देखा । मैं वहाँ पर इन आपदाओं से प्रभावित लोगों से मिला और उन परिवार के सदस्यों के लिए हमने एक साथ पार्थना की थी, जिन्होंने अपना जीवन खो दिया था ।”
“पिछले लगभग पचास वर्षों में, जापान की नियमित यात्राओं के दौरान सभी क्षेत्रों के लोगों ने करुणा और धार्मिक सद्भाव जैसे मूलभूत मानवीय मूल्यों को प्रोत्साहित करने के मेरे प्रयासों में जिस प्रकार गहरी रुचि और उत्साह दिखाया है, उसकी मैं सराहना करता हूँ ।”
परमपावन ने अपने संदेश का समापन करते हुये प्रार्थना की, कि राजकुमार के शासनकाल सफल हों, जिससे प्रजा सुखी हों, और इस नया युग का एक शांतिपूर्ण और करुणामय विश्व के निर्माण में योगदान हो ।