दिस्कित, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, भारत, आज प्रातः परम पावन दलाई लामा नुबरा घाटी पहुँचे। लेह की उड़ान में केवल पच्चीस मिनट लगे। थॉइस हवाई अड्डे उतरने पर पूर्व राज्यसभा सदस्य, ठिकसे रिनपोछे, केलखंग रिनपोछे, ज्ञल पी वांगज्ञल, (सीईसी) (एलएएचडीसी), नुबरा के विधायक देलदन नमज्ञल, नुबरा लद्दाह बौद्ध संघ के अध्यक्ष, टी नोरबू, स्थानीय मुस्लिम संघ के अध्यक्ष अब्दुल्ला मस्जिद तथा स्थानीय एसडीएम सोनम नोरबू ने उनका स्वागत किया।
परम पावन के दिस्कित की ओर जाते समय मार्ग में स्थानीय लोग पंक्तिबद्ध होकर अपनी सर्वश्रेष्ठ पोशाक में अपने घरों के सामने खड़े थे, और जिनके निकट रंगीन नक्काशीदार टेबल पर रखे गमलों में पुष्प सजे हुए थे। कई अपने हाथों में फूल, धूप और परंपरागत श्वेत स्कार्फ पकड़े हुए थे, अन्य ने दूध और दही भी समर्पित किया। शुभचिंतकों में मुसलमानों के साथ बौद्ध समुदायों के पुरुष, महिलाएँ और बच्चे साथ ही श्रृंग वाद्य और ढोल बजाते संगीतकार शामिल थे तथा मुस्कुराते स्कूल के बच्चे अपने स्कूल के पास एकत्रित थे।
दिस्कित की सड़कें प्रार्थना ध्वजों से सुसज्जित थीं। आशावान लोग सूर्य के चारों ओर एक स्पष्ट इंद्रधनुष की आभा देखने हेतु प्रेरित थे। परम पावन के आगमन पर दिस्कित विहार के भिक्षुओं ने अपनी पीली टोपियों में उनका स्वागत करने के लिए श्रृंग वाद्य तथा झांझ वादन किया। जब परम पावन दिस्कित विहार फोडंग में अपनी गाड़ी से बाहर निकले तो ठिकसे रिनपोचे, केलखंग रिनपोछे और विहार के वरिष्ठ सदस्य उनका अभिनन्दन करने के लिए आगे बढ़े। निवास में विश्राम करने के लिए जाने से पूर्व परम पावन सबसे ऊपरी सीढ़ी से अभिनन्दन करने के लिए मुड़े।
कल, परम पावन दिस्कित फोडंग में 'चित्त शोधन के अष्ट पद मन' और 'प्रतीत्य समुत्पाद स्तुति' पर प्रवचन देंगे।