अनाहेम, कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका - ५ जुलाई २०१५- परम पावन दलाई लामा ने केआइपी न्यूज की एन करी को साक्षात्कार देते हुए अपना दिवस तड़के ही प्रारंभ कर दिया। उन्होंने उनसे शुरू में कह दिया कि, वे अपनी प्रार्थना प्रारंभ करने हेतु आज प्रातः १ बजे ही जाग गए। उन्हें जन्म दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए, उन्होंने उनकी इच्छा के विषय में पूछा। उन्होंने उत्तर दिया ः
"सभी प्राणियों के समान, मैं एक सुखी जीवन जीने की कामना करता हूँ। हम सबको काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जो अनिवार्य रूप से हमारी अपनी निर्मित की गई हैं। यहाँ वास्तविक प्रश्न हमारी भावनाओं के साथ है। जब तक हममें उनसे निपटने का कुछ ज्ञान नहीं होगा, तब तक हम कठिनाइयों में पड़ते रहेंगे।
"मेरा जीवन दूसरों के कल्याण हेतु समर्पित है। यदि मानवता सुखी है तो मैं सुखी होऊँगा, क्योंकि हम में से प्रत्येक दूसरों पर निर्भर है।"
एन करी ने पूछा कि ऐसा क्या है कि वे इतना अधिक करुणा साझा करना चाहते हैं, ऐसे समय जब अन्य लोग इतना अधिक परिश्रम नहीं करते जबकि परम पावन अभी भी कार्यरत् हैं। उन्होंने उत्तर दियाः
"क्योंकि यह मेरा एकमात्र व्यवसाय है। एक बौद्ध अभ्यासी और नागार्जुन जैसे नालंदा आचार्यों के एक छात्र के रूप मैंने सीखा है कि किस प्रकार चित्त तथा भावनाएँ कार्य करती हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि उस अनुभव को मैं अन्य सत्वों की सेवा कर सकता हूँ। प्रतिदिन मैं सभी मातृ सत्वों के कल्याण हेतु प्रार्थना करता हूँ। यदि मैं प्रार्थना करूँ और कुछ न करूँ तो वह मात्र पाखंड होगा।"
बाद में, इस पर बात करते हुए कि १५वें दलाई लामा होंगे अथवा नहीं, परम पावन ने उनसे कहा, चाहे मान्यता प्राप्त हो या नहीं, पर वे तब भी वहाँ होंगे।
"मैं उसके बारे में दृढ़ हूँ। पहले दलाई लामा की जीवनी बताती है कि जब वह मेरी उम्र के थे, उन्होंने बढ़ती आयु का उल्लेख किया और उनके उनके छात्रों और शिष्यों ने टिप्पणी की, कि उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे निश्चित रूप से विशुद्ध भूमि पर जाएँगे। उन्होंने तत्काल प्रतिवाद करते हुए कहा कि, उन्हें ऐसे स्वर्ग में जाने की कोई इच्छा नहीं है, वे ऐसे स्थान पर जन्म लेना चाहते थे जहाँ दुख हो ताकि वे दूसरों की सहायता कर सके। मैं उस प्रार्थना को मानता हूँ।"
जब एन करी ने उनके जन्मदिन पर विश्व के लिए फेसबुक पर डालने के लिए एक संदेश के बारे में उनसे पूछा तो परम पावन ने कहा ः
"मैं उन कई लोगों के प्रति धन्यवाद व्यक्त करना चाहूँगा जिन्होंने मेरे प्रति सौहार्दपूर्ण भावनाएँ व्यक्त की हैं। इतने लोगों ने मुझे जन्म दिन की शुभकामनाएँ दी हैं तो मैं उनसे बदले में यह कहना चाहूँगा कि वे अपने चित्त की ओर, अपनी भावनाओं से निपटने के प्रति अधिक ध्यान दें। अब मैं ८० वर्ष का हूँ और मैंने एक कठिन जीवन का सामना किया है। १६ वर्ष की आयु में मैंने अपनी स्वतंत्रता खो दी, २४ वर्ष में अपना देश खो दिया और तिब्बत से आए समाचार हृदयविदारक रहे हैं, पर इन सबमें मेरा परम मित्र मेरी बुद्धि और सौहार्दता की भावना रही है। यह कुछ ऐसा है जो मैं दूसरों के साथ बाँटना चाहता हूँ।"
सीबीएस न्यूज के लिए परम पावन का साक्षात्कार करते हुए, कार्टर इवांस ने टिप्पणी की, कि बहुत से लोग परम पावन के जन्मदिन को लेकर अति उत्साहित हैं और पूछा कि इसको लेकर उन्हें क्या अनुभव होता है।
"कुछ विशेष नहीं," उत्तर था। "सूर्योदय होगा और सूर्यास्त होगा। २४ घंटे भी उसी प्रकार के होंगे, पर जब अन्य लोग जानते हैं कि किसी का जन्मदिन है तो वे मनाना चाहेंगे।"
इवांस ने आगे पूछा कि उनके लिए वैश्विक पर्यावरण इतना महत्वपूर्ण क्यों है।
"जब तक मैंने तिब्बत नहीं छोड़ा, मैंने अनुभव नहीं किया था कि पर्यावरण के विषय को लेकर किसी भी प्रकार का मुद्दा है। फिर मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ जब मुझे बताया गया कि, जिस तरह मैं तिब्बत में जल पी सकता था उस तरह मैं किसी भी स्रोत से जल नहीं पी सकता, क्योंकि प्रायः जल प्रदूषित होता था। मैंने यह अनुभव करना प्रारंभ किया कि हमें अपने ग्रह के देखभाल की उस प्रकार आवश्यकता है, जैसे यह हमारा एकमात्र घर हो।
"जब हम हिंसा या हिंसा के दृश्य देखते हैं तो उसका चित्त पर तत्काल प्रभाव पड़ता है, परन्तु पर्यावरण पर की गई क्षति के संबंध में उस प्रकार की तात्कालिकता नहीं होती। हम उस समय तक ध्यान नहीं देते जब तक कि बहुत देर न हो जाए। इसी कारण यह और अधिक प्रभावशाली होगा, यदि ग्रह की देखभाल करना हमारे नित्य प्रति जीवन का एक अंग बन जाए।"
होंडा सेंटर में उनके ८०वें जन्मदिन का समारोह मनाने के लिए एक विशिष्ट प्रातःकालीन अल्पाहार में परम पावन का स्वागत किया गया। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें प्रेम भरी दया को विकसित करने लिए अपनी बुद्धि का प्रयोग करने की आवश्यकता है। यह कुछ ऐसा है जिससे हम सभी परिचित हैं। हम सब में करुणा का बीज है जिसका विकास हम कर सकते हैं। अतीत में हमने इसके विषय में अपनी धार्मिक परंपराओं से सीखा है, पर आज बहुत लोग दावा करते हैं कि अब उनका इस पर विश्वास नहीं और उनमें से जो इस पर विश्वास करते हैं, उनमें से कई पूजा के स्थान पर उन चिह्नों से होकर गुज़रते हैं, पर जब वे छोड़ते हैं तो अपने साथ कुछ नहीं लाते।
"उस प्रकार की करुणा का विकास, जो हम अपने वैरियों तक पहुँचा सकते हैं, के िलए अपनी बुद्धि का प्रयोग आवश्यक है। हमें तर्क का उपयोग करने की आवश्यकता है, ठीक उस तरह जिस तरह हम यह समझने के लिए उपयोग करते हैं कि क्रोध हमारे चित्त की शांति को नष्ट कर देता है।"
जब वह नाश्ता समाप्त कर निकलने वाले थे, परम पावन ने दो साथी नोबेल शांति पुरस्कार विजेता, जोडी विलियम्स और शिरीन इबादी को उनके साथ शामिल होने का आह्वान दिया। उन्होंने समझाया कि वे अंतिम बार रोम में नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं की एक सभा में मिले थे, जिसके अंत में उन्होंने परमाणु हथियारों के उन्मूलन के लिए काम करने की घोषणा की थी। उन्होंने यह भी घोषणा की थी, कि घोषणा अपने आप में पर्याप्त नहीं है, सामूहिक विनाश के इन हथियारों को कम करने और उनका उन्मूलन करने के लिए एक समय सारिणी को आयोजित करने और परमाणु राज्यों की जवाबदेही आवश्यक है। परम पावन ने कहा कि उन्हें लोकप्रिय समर्थन जुटाने की आवश्यकता होगी।
उन्होंने इसका अनुपालन विदेश मामलों संबंधी समिति के अध्यक्ष प्रतिनिधि एड रॉयस के साथ हुई एक बैठक में किया।
पीबीएस दक्षिणी कैलिफोर्निया के मारिया हॉल ब्राउन के साथ हुए एक साक्षात्कार में परम पावन ने उल्लेख किया कि, २० वर्षों पूर्व, नैतिकता या आंतरिक मूल्यों की ओर कम ध्यान दिया जाता था, पर विगत १० वर्षों में अधिक से अधिक लोगों ने इसमें रुचि लेना प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि बढ़ती संख्या में लोग वर्तमान शिक्षा प्रणाली की कमियों का अनुभव कर रहे हैं। यह कि, वैज्ञानिक भी चित्त के कार्यकलापों में रुचि दिखा रहे हैं, आशा का एक स्रोत है। उन्होंने स्थानीय ऑरेंज काउंटी रिपोर्टर के एक संवाददाता को बताया, कि मनुष्य के रूप में हम सबका मानवता की एकता के विचार को विशेष रूप से बहुजातीय, बहुधार्मिक समाजों में बढ़ावा देने का उत्तरदायित्व बनता है।
मध्याह्न भोजनोपरांत एन करी ने होंडा सेंटर के मंच पर, १८००० दर्शकों के समक्ष परम पावन का अनुरक्षण किया। गाते हुए बच्चों ने पहले से ही दृश्य सजा दिया था और परम पावन के जीवन के दृश्यों को चित्रित करता हुआ वीड़ियो दिखाया जा चुका था। महापौर टॉम टेट ने जनसमुदाय से परम पावन का परिचय कराया और समझाया कि किस प्रकार इस वर्ष के पूर्वार्ध में वह धर्मशाला में उनके निवास स्थल पर उनसे मिलने गए थे और उनका किस प्रकार स्वागत किया गया। उस समय परम पावन आर्चबिशप डेसमंड टूटू के साथ 'आनन्द की पुस्तक' पर कार्यरत् थे।
फ्रेंड्स ऑफ दलाई लामा, जो कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक हैं, के संस्थापक तेनजिन धोनदेन अगले वक्ता थे जिन्होंने परम पावन के प्रति अभिनन्दन व्यक्त करते हुए सभी उपस्थित व्यक्तियों का धन्यवाद किया। समर्थन कर रहे कई व्यक्तियों में, जिनके प्रति उन्होंने कृतज्ञता व्यक्त की, पियरे ओमिद्यार, महापौर टैट, होंडा सेंटर स्टाफ और उनके स्वयं के आध्यात्मिक गुरु शामिल थे। उन्होंने परम पावन को साकार करुणा के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया।
# करुणा के साथ फेसबुक वीडियो अभिनन्दन का प्रदर्शन हुआ जिसमें लैरी किंग, अरियान्ना हफिंगटन और कई अन्य लोगों से प्राप्त संदेश थे। वीडियो रनअग्राउंड द्वार एक गीत 'वी आर वन' के साथ समाप्त हुआ जिन्होंने पुनः मंच पर आकर उसका प्रदर्शन किया जिसमें आनन्द से गा रहे बच्चे सम्मिलित हुए।
तत्पश्चात एन करी ने कई शुभचिंतकों का परिचय कराया, जो परम पावन के प्रति सराहना के शब्द अभिव्यक्त करने सामने आए। उनमें अभिनेता जोश रैडनॉर, प्रोफेसर रॉबर्ट थर्मन, बिशप डेसमंड टूटू के पोते, ऑस्ट्रेलियाई कोड़ी सिम्पसन, डॉ एलाही मीर, जलाली ओमिद्यार, यूसीआई कुलपति थॉमस परहम, अभिनेता विलमर वलदेर्रामा, अभिनेता जूलिया ओरमोंड, समुद्र विज्ञानी जस्टिन नेप्पी और वीरभद्रन रामनाथन, हास्य अभिनेता जॉर्ज लोपेज, जो सबको हँसाते रहे, संगीतकार रैंडी जैक्सन, मानवाधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता शिरीन इबादी, व्यापारी एंथोनी मेलिखोव, शांति कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता जोडी विलियम्स, संगीतकार एम सी हैमर, और अपाचे राष्ट्र की ओर से जोनेल्ले रोमेरो शामिल थे।
सैन फ्रांसिस्को से तीस तिब्बती बच्चों ने एक पारम्परिक तिब्बती गीत गाया। उनके बाद कार्यकर्ता रैपर और संगीतकार माइकल फ्रांटि मंच पर आए, जिन्होंने वादन और गायन प्रस्तुत किया तथा परम पावन के लिए एक उत्साहपूर्ण गीत में श्रोताओं का नेतृत्व किया।
एक विशाल केक काटने के पश्चात परम पावन अपना टुकड़ा ज्ञानतीठ पर ले गए और दर्शकों को संबोधित किया।
"भाइयों और बहनों," उन्होंने उनसे कहा, मैं अभिभूत हूँ कि इतने सारे वक्ताओं ने प्रेम व दया के महत्व को व्यक्त किया है। उन्होंने मुझे प्रोत्साहन और आशा दी है। मैंने साधारणतया सोचा था कि अपने जीवन काल में मैं एक करुणाशील विश्व को उभरता हुआ नहीं पाऊँगा। परन्तु इस विचार को लेकर एक वास्तविक उत्साह जान पड़ता है कि शांति का स्रोत स्वयं के भीतर है और विश्व को परिवर्तित करने के लिए हम सबको आंतरिक शांति का विकास करना होगा। चूँकि वैज्ञानिक और शिक्षक भी इस ओर रुचि दिखा रहे हैं, संभवतः मैंने जितना सोचा था उससे पहले ही एक शांतिपूर्ण विश्व के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। जैसा मेरी मित्र जोडी विलियम्स कहती हैं, 'हमें कार्य करना होगा' और एक तिब्बती उक्ति है कि यदि आप नौ बार असफल हों तो आपको नौ बार प्रयास करना चाहिए।
"मैंने कई कठिनाइयों का सामना किया है, पर मैं सच्चा, ईमानदार और दृढ़ बना रहा हूँ। जैसे ही समय चलता चला जाता है सच्चाई प्रबल होती जाती है, जबकि बंदूक की शक्ति कम हो जाती है। एक और अधिक करुणाशील विश्व सभी सत्वों के हित में है, यहाँ तक कि पर्यावरण भी लाभान्वित होगा। जिस प्रकार की सार्वभौमिक करुणा, निष्पक्ष करुणा, जो आपके वैरियों तक भी पहुँचाई जा सकती है, वह हम सभी की पहुँच के भीतर है।
"हम सभी अपनी माँओं से आए हैं। हम सबमें प्रेम की गहन अनुभूति है, यहाँ तक कि वे लोग भी जो आज 'आतंकवादियों' के रूप में संदर्भित किए जाते हैं। इस विशाल सभा में, मैं यह दोहराना चाहूँगा कि मैं मात्र एक मनुष्य हूँ। हम सभी मानवता के अंग हैं। हम सभी एक समान हैं और हमारा भविष्य दूसरों पर निर्भर है। प्रत्येक दिन मैं अपना काय, वाक् और चित्त सभी मातृ सत्वों के कल्याण के लिए समर्पित करता हूँ। मैं अपनी प्रिय प्रार्थना कहता हूँ ः
जब तक आकाश की स्थिति इस प्रकार है
और जगत की स्थिति इस प्रकार की है
तब तक मैं भी बना रहूँ
जगत के दुःखों को नष्ट करने हेतु
परम पावन के साथ मंच पर उपस्थित लोगों के बीच बाद में हुई चर्चा में परम पावन ने इस तथ्य पर बात की, कि क्रोध स्थितियों में ऊर्जा ला सकता है, पर यह एक अंधी ऊर्जा है। करुणा निर्देशित ऊर्जा है। एक सार्थक जीवन जीने के लिए, हमें एक शांत चित्त और पर कल्याण हेतु चिंता की भावना की आवश्यकता है। करुणा एक विकल्प है। प्रामाणिकता महत्वपूर्ण है। परम पावन ने ध्यानाकर्षित किया कि मुक्तता, स्वतंत्रता और लोकतंत्र जैसे महत्वपूर्ण विचार यह मानकर चलते हैं कि आधारभूत मानव स्वभाव अच्छा है ।
जैसे ही परम पावन रवाना होने के लिए तैयार हुए एन करी ने अपनी टिप्पणी में सभा की भावना को अभिव्यक्त कियाः
"यह आपका जन्मदिन है, पर प्रतीत होता है कि हममें से बाकियों को उपहार मिले हैं। धन्यवाद और जन्मदिन मुबारक।"
अनाहेम थियेटर में महापौर टॉम टेट ने एक विशेष स्वागत में परम पावन की अभ्यर्थना की। इस नूतन घोषित दया के शहर में परम पावन ने अपना विश्वास दोहराया, कि शिक्षा के माध्यम से अधिक दया की दिशा में प्रगति की जा सकती है। महापौर ने पहले से ही चल रहे स्थानीय स्कूलों में लाखों दया के कार्यों के निर्माण की परियोजना की बात की। उन्होंने उल्लेख किया कि धौंस देने की सूचनाओं में कमी हुई है और बच्चे अधिक खुश और संतुष्ट हैं। निकट के सांता एना के महापौर मिगुएल पुलिदो ने अपने क्षेत्र के विद्यालयों में 'दयालुता के एक लाख कार्य' का अनुकरण करने की अपनी योजना की घोषणा की।
गार्डन ग्रोव शहर द्वारा आयोजित एक और स्वागत समारोह, जिसमें १००० लोगों ने भाग लिया और महापौर बाओ गुयेन ने परम पावन का स्वागत किया, जिन्होंने संक्षेप में अपनी बात रखी।
"आदरणीय भाइयों और बहनों, करुणा तथा क्षमा जैसे आंतरिक मूल्य हममें शांति, आराम और आंतरिक शक्ति लाते हैं, जो हमारे लिए सहायक हैं। क्रोध व भय हमारा कुछ हित नहीं करते, वे हमारे चित्त की शांति को भंग करते हैं। मैं देख पा रहा हूँ कि यहाँ बहुत अधिक वियतनामी हैं। मैंने अमेरिका, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया में आप जैसे काफी समुदाय देखे हैं जिन्होंने अपनी सांस्कृतिक विरासत और बौद्ध धर्म के संरक्षण का एक प्रयास किया है। मैं आपके दृढ़ संकल्प की प्रशंसा करता हूँ।"
परम पावन को संयुक्त राज्य अमेरिका के वियतनामी अमेरिकियों द्वारा एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया। वेस्टमिंस्टर सिटी के महापौर ने परम पावन की प्रशंसा एक आदर्श प्रारूप के समान की और जब गार्डन ग्रोव के महापौर ने उन्हें शहर की कुंजी प्रस्तुत की तो परम पावन ने उत्तर दिया ः
"आह, आंतरिक शांति को खोलने की कुंजी करुणा है।"
एक असामान्य रूप से लंबे और सम्पूर्ण दिवस के अंत में,परम पावन अंतत ः रात्रि के विश्राम हेतु गए।