वैंकूवर, कनाडा - २४ अक्टूबर २०१४ - कनाडा के अपनी चार दिवसीय यात्रा के अंत में वैंकूवर जाने से पहले, परम पावन दलाई लामा ने तिब्बत के संसदीय मित्रों के १० कनाडा के सांसदों के साथ भेंट की।
उनमें रोजगार और सामाजिक विकास और बहुसंस्कृतिवाद, मंत्री जेसन केनी, राष्ट्रीय राजस्व मंत्री केरी-लिन फिंडले, और पी एफ टी के नए अध्यक्ष, बर्नार्ड ट्राट्टियर शामिल थे। उन्होंने परम पावन को अपनी हाल की गतिविधियों का संक्षिप्त ब्योरा दिया जिसमें अरुणाचल के १००० तिब्बतियों का पुनर्वास की प्रक्रिया का विकास, जिनमें से २२० पहले ही आ चुके हैं, शामिल था।
परम पावन ने उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और उन्हें तिब्बती मुद्दे के व्यापक प्रभाव का स्मरण कराया। एक चीनी पर्यावरण वैज्ञानिक ने पर्यावरण की दृष्टि से तिब्बत को इतना महत्वपूर्ण माना है कि उसने उसे उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के सममूल्य रखते हुए तीसरे ध्रुव की संज्ञा दी। एशिया की प्रमुख नदियों में से कइयों के स्रोत के रूप में, तिब्बती पठार निचले क्षेत्रों के एक अरब लोगों के लिए महत्व रखता है। उन्होंने भारत और चीन, दुनिया के दो सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों के बीच एक बफर राज्य के रूप में तिब्बत की ऐतिहासिक भूमिका का उल्लेख किया।
वैंकूवर से बर्मिंघम, अलबामा के लिए सीधे उड़ान भरने के बाद आगमन पर मेयर, विलियम बेल, और अलबामा, बर्मिंघम (यू ए बी) विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने हवाई अड्डे पर उनसे भेंट की। जब वे अपने होटल पहुँचे तो तिब्बतियों का एक छोटा सा समूह उनके स्वागत के लिए उपस्थित था। कल प्रातः वे यू ए बी में न्यूरोप्लास्टिसिटि तथा उपचार पर एक चर्चा में भाग लेंगे।