अक्तूबर २६, २०१३ - थाईलैंड के संघराज के निधन का समाचार सुनते ही तत्काल परम पावन ने अपना दुःख जताते हुए पत्र लिखाः “प्रिय आध्यात्मिक मित्रों,” उन्होंने लिखा, “उनके १००वां जन्मदिन मनाने के पश्चात् इतने शीघ्र परम पावन सोमदेत फ्रा न्यानासंवर के निधन का समाचार सुनकर मुझे अत्यंत दुख हुआ। मैं थाईलैंड की सर्वोच्च संघ परिषद और थाईलैंड में उनके लाखों अनुयायियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूँ।”
उन्होंने बताया कि उनके निधन पर हम सभी ने एक अनोखा आध्यात्मिक मित्र खो दिया है।
“मैं दिवंगत संघराज से कई वर्ष पूर्व मिला था और जिस तरह वे अपना धार्मिक उत्तरदायित्व निभाते थे, उसके प्रति मेरे मन में अत्यंत गहरी श्रद्धा तथा प्रशंसा का भाव था। अपने दीर्घ और सार्थक जीवन काल में वे मानवता की सेवा हेतु पूरी तरह से समर्पित रहे।”
उन्होंने सलाह दी कि ऐसे समय हम एक अभाव का अनुभव कर सकते हैं, पर सबसे अच्छी श्रद्धांजलि जो हम उन्हें दे सकते हैं, वह यह कि शांति और प्रज्ञा के विकास के लिए जो कुछ बन पड़े वह करें, जैसा उन्होंने किया। उन्होंने कहा कि वे सम्मान के रूप में थाईलैंड के लोगों के लिए प्रार्थना और संवेदना व्यक्त करने के लिए एक निजी प्रतिनिधि भेजने की आशा करते हैं।