धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश, भारत, मई 25, 2013 - बुद्ध पूर्णिमा के शुभ प्रातः की वेला में आज परम पावन दलाई लामा ने अपने कार्यालय में आधिकारिक हिन्दी भाषा वेबसाइट www.dalailamahindi.com का शुभांरभ किया। इस अवसर पर इस कार्यक्रम से संबंधित अन्य अधिकारियों के अतिरिक्त वेबसाइट को एक दिशा देने और उसका मार्ग प्रशस्त करने वाले श्रद्धेय प्रो. समदोंग रिनपोछे भी उपस्थित थे। बटन दबाकर इस वेबसाइट को प्रार्थना के शब्दों से आरम्भ करते हुए परम पावन दलाई लामा जी का संदेश अत्यंत स्पष्ट और सटीक था।
“साठ के दशक में भारतीयों में बौद्ध धर्म और दर्शन के प्रति रुचि अपेक्षाकृत कम थी, पर आज स्थिति में परिवर्तन देखा जा सकता है। अधिक से अधिक संख्या में लोग इसे समझना चाहते हैं और उस दिशा की ओर बढ़ भी रहे हैं। यह अच्छा संकेत है। परम पावन दलाई लामा ने इस तथ्य पर बल दिया कि बौद्ध धर्म और दर्शन भारत की अनमोल सम्पदा है, जो भारत की भूमि पर फली फूली और ज्ञान के इस कोष ने सीमा पार अनेक देशों की विचार धारा को समृद्ध किया और अनेक जन मानस के हृदयों को छुआ। नालंदा के महान आचार्यों और चिंतकों का ज्ञान भारत की अनमोल परम्परा है, अब यह हम भारतीयों पर निर्भर करता है कि हम इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएँ और लोगों में इसके प्रति जागरूकता लाएँ। आज यह बहुत आवश्यक है और यह हमारा उत्तरदायित्व बनता है कि लोगों तक बुद्ध के महान विचार पुनः पहुँचाएँ। हिन्दी वेबसाइट की आवश्यकता कुछ समय से ही अनुभव की जा रही थी और आज इस विचार को कार्यान्वित होता देख मैं अत्यंत प्रसन्न हूँ। निश्चित तौर पर यह एक सशक्त माध्यम है।”
अपने संदेश के पश्चात् परम पावन दलाई लामा ने इस प्रयास की सराहना करते हुए टीम के सदस्यों के साथ तस्वीर खिंचवाई।
बुद्ध पूर्णिमा